1 इस्राएल यह कहे, कि यदि हमारी ओर यहोवा न होता,
2 यदि यहोवा उस समय हमारी ओर न होता जब मनुष्यों ने हम पर चढ़ाई की,
3 तो वे हम को उसी समय जीवित निगल जाते, जब उनका क्रोध हम पर भड़का था,
4 हम उसी समय जल में डूब जाते और धारा में बह जाते;
5 उमड़ते जल में हम उसी समय ही बह जाते॥
6 धन्य है यहोवा, जिसने हम को उनके दातों तले जाने न दिया!
7 हमार जीव पक्षी की नाईं चिड़ीमार के जाल से छूट गया; जाल फट गया, हम बच निकले!
8 यहोवा जो आकाश और पृथ्वी का कर्ता है, हमारी सहायता उसी के नाम से होती है।