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परमेश्‍वर का सिद्ध ज्ञान
प्रधान बजानेवाले के लिये दाऊद का भजन
 
१ हे यहोवा, तूने मुझे जाँच कर जान लिया है। (रोम 8:27)
२ तू मेरा उठना और बैठना जानता है;
और मेरे विचारों को दूर ही से समझ लेता है।
३ मेरे चलने और लेटने की तू भली-भाँति छानबीन करता है,
और मेरी पूरी चालचलन का भेद जानता है।
४ हे यहोवा, मेरे मुँह में ऐसी कोई बात नहीं
जिसे तू पूरी रीति से न जानता हो।
५ तूने मुझे आगे-पीछे घेर रखा है*,
और अपना हाथ मुझ पर रखे रहता है।
६ यह ज्ञान मेरे लिये बहुत कठिन है;
यह गम्भीर और मेरी समझ से बाहर है।
७ मैं तेरे आत्मा से भागकर किधर जाऊँ?
या तेरे सामने से किधर भागूँ?
८ यदि मैं आकाश पर चढ़ूँ, तो तू वहाँ है!
यदि मैं अपना खाट अधोलोक में बिछाऊँ तो वहाँ भी तू है!
९ यदि मैं भोर की किरणों पर चढ़कर समुद्र के पार जा बसूँ,
१० तो वहाँ भी तू अपने हाथ से मेरी अगुआई करेगा,
और अपने दाहिने हाथ से मुझे पकड़े रहेगा।
११ यदि मैं कहूँ कि अंधकार में तो मैं छिप जाऊँगा,
और मेरे चारों ओर का उजियाला रात का अंधेरा हो जाएगा,
१२ तो भी अंधकार तुझ से न छिपाएगा, रात तो दिन के तुल्य प्रकाश देगी;
क्योंकि तेरे लिये अंधियारा और उजियाला दोनों एक समान हैं।
१३ तूने मेरे अंदरूनी अंगों को बनाया है;
तूने मुझे माता के गर्भ में रचा।
१४ मैं तेरा धन्यवाद करूँगा, इसलिए कि मैं भयानक और अद्भुत रीति से रचा गया हूँ।
तेरे काम तो आश्चर्य के हैं,
और मैं इसे भली भाँति जानता हूँ। (प्रका. 15:3)
१५ जब मैं गुप्त में बनाया जाता,
और पृथ्वी के नीचे स्थानों में रचा जाता था,
तब मेरी देह तुझसे छिपी न थीं।
१६ तेरी आँखों ने मेरे बेडौल तत्व को देखा;
और मेरे सब अंग जो दिन-दिन बनते जाते थे वे रचे जाने से पहले
तेरी पुस्तक में लिखे हुए थे।
१७ मेरे लिये तो हे परमेश्‍वर, तेरे विचार क्या ही बहुमूल्य हैं!
उनकी संख्या का जोड़ कैसा बड़ा है!
१८ यदि मैं उनको गिनता तो वे रेतकणों से भी अधिक ठहरते।
जब मैं जाग उठता हूँ, तब भी तेरे संग रहता हूँ।
१९ हे परमेश्‍वर निश्चय तू दुष्ट को घात करेगा!
हे हत्यारों, मुझसे दूर हो जाओ।
२० क्योंकि वे तेरे विरुद्ध बलवा करते और छल के काम करते हैं;
तेरे शत्रु तेरा नाम झूठी बात पर लेते हैं।
२१ हे यहोवा, क्या मैं तेरे बैरियों से बैर न रखूँ,
और तेरे विरोधियों से घृणा न करूँ? (प्रका. 2:6)
२२ हाँ, मैं उनसे पूर्ण बैर रखता हूँ;
मैं उनको अपना शत्रु समझता हूँ।
२३ हे परमेश्‍वर, मुझे जाँचकर जान ले!
मुझे परखकर मेरी चिन्ताओं को जान ले!
२४ और देख कि मुझ में कोई बुरी चाल है कि नहीं,
और अनन्त के मार्ग में मेरी अगुआई कर!